“किसी साहित्यकार का सम्मान व अभिनंदन का आयोजन किया जाना इस दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है कि उसके अवदान का साहित्य समाज में व्यापक प्रभाव पड़ा और समाज उसके प्रति कृतज्ञ है।” यह विचार प्रो0 सूर्य प्रसाद दोक्षित जी ने अपने अध्यक्षीय वक्तव्य में व्यक्त किए।
आज रविवार, दिनांक 05 नवम्बर, 2023 को डॉ0 दिनेश चन्द्र अवस्थी अभिनंदन ग्रंथ प्रकाशन समिति, लखनऊ के तत्वावधान में अभिनंदन ग्रंथ ‘मैं चलता चला आया’ का लोकार्पण एवं साहित्य मनीषी डॉ0 दिनेश चन्द्र अवस्थी जी का अभिनंदन समारोह, उ0प्र0 उर्दू अकॉदमी, गोमतीनगर, लखनऊ स्थित सभागार में संपन्न हुआ ।
समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में प्रदेश के माननीय उप मुख्यमंत्री, श्री ब्रजेश पाठक जी आमंत्रित थे एवं मुख्य विशिष्ट अतिथि के रूप में श्री जयशंकर मिश्र, कुलाधिपति, सुशांत विश्वविद्यालय, हरियाणा तथा श्री बृजलाल, माननीय सदस्य राज्य सभा, पूर्व डी0जी0पी0, उ0प्र0 की गरिमामयी उपस्थिति विशेष उल्लेखनीय रही । विशिष्ट अतिथि के रूप में पद्मश्री विद्याविन्दु सिंह जी, वरिष्ठ साहित्यकार तथा प्रो0 हरी शंकर मिश्र, लखनऊ विश्वविद्यालय (से0नि0)आमंत्रित थे । समारोह की अध्यक्षता स्वनामधन्य सुप्रसिद्ध साहित्य साधक एवं साहित्य मर्मज्ञ प्रो0सूर्य प्रसाद दीक्षित, पूर्व विभागाध्यक्ष, हिंदी विभाग, लखनऊ विश्वविद्यालय द्वारा की गई समारोह में मुख्य वक्ता के रूप में प्रो0 योगेन्द्र प्रताप सिंह एवं श्री सुशील चंद्र श्रीवास्तवन ने अपने अपने विचार रखे । शहर के मूर्धन्य एवं गणमान्य साहित्यकारों की उपस्थिति से समारोह अत्यंत सफल रहा।
माँ सरस्वती के दीप प्रज्ज्वलन, माल्यार्पण एवं पुष्पार्पण के पश्चात अभिनन्दन ग्रंथ प्रकाशन समिति, की अध्यक्ष डॉ0 शोभा दीक्षित ‘भावना’ द्वारा प्रस्तुत वाणी वन्दना से कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। डॉ0 उमेश चन्द्र वर्मा ‘आदित्य’ द्वारा स्वागत भाषण के उपरांत अतिथियों का उत्तरीय एवं स्मृति चिह्न आदि भेंट कर स्वागत सत्कार किया गया।
एतद्उपरांत साहित्य मनीषी डॉ0दिनेश चंद्र अवस्थी अभिनंदन ग्रंथ-‘मैं चलता चला आया’
तथा डाॅ0अब्दुर्रहीम की कृति ‘मेरी रेडियो वार्ताएँ’ का लोकार्पण किया गया।
इसके उपरांत अभिनंदन ग्रंथ प्रकाशन समिति एवं शहर की अनेक साहित्यिक संस्थाओं द्वारा डॉ0 दिनेश चन्द्र अवस्थी जी का जोरदार हार्दिक अभिनंदन एवं सम्मान किया गया। अभिनन्दन पत्र का वाचन डॉ0 अम्बरीश ‘प्रियदर्शी’ द्वारा किया गया। डॉ0 दिनेश चन्द्र अवस्थी जी का सारवत् संक्षिप्त जीवन परिचय राज्य कर्मचारी साहित्य संस्थान, उ0प्र0 की महामंत्री एवं उ0प्र0 सचिवालय में अनुभाग अधिकारी डॉ0 सीमा गुप्ता द्वारा प्रस्तुत किया गया। डॉ0 दिनेश चन्द्र अवस्थी ने अपने विचार व्यक्त करते हुए माँ पर अत्यंत मार्मिक दोहा पढ़ा-“मेरी माँ थीं पढ़ी पर, गिनती में थीं दीन।
रोटी देतीं पाँच पर, गिनती थीं वे तीन।।
श्री सुशील चन्द श्रीवास्तव एवं प्रो0 योगेंद्र प्रताप सिंह जी ने डाॅ0 अवस्थी जी के व्यक्तित्व व कृतित्व पर विस्तार से प्रकाश डाला।
समारोह के मा0अध्यक्ष एवं मा0 मुख्य अतिथि, मुख्य विशिष्ट अतिथियों तथा अन्य विशिष्ट अतिथियों ने अपने अपने उद्बोधन में समिति द्वारा किये गये इस आयोजन एवं अभिनन्दन ग्रंथ की मुक्त कंठ से सराहना की एवं डॉ0 दिनेश चन्द्र अवस्थी के उज्ज्वल भविष्य एवं दीर्घायु की कामना करते हुए अपने अपने विचार व्यक्त किये गये।
अंत में समारोह में पधारे हुए सभी अतिथियों/साहित्यकारों एवं अन्य गणमान्य व्यक्तियों का धन्यवाद एवं आभार ज्ञापन श्री चन्द्रदेव दीक्षित जी द्वारा किया गया।
इस प्रकार एक सफल कार्यक्रम का आयोजन हुआ जिसमें देश प्रदेश से पधारे विद्वानों एवं साहित्यकारों ने भाग लिया।