गौतमी तडिमल्ला के अनुसार, पार्टी के कई वरिष्ठ सदस्य उस व्यक्ति को ‘सक्षम’ बना रहे थे, जिसने उन्हें धोखा देकर ‘न्याय को चकमा दिया और प्राथमिकी दर्ज होने के बाद भी पिछले 40 दिनों से फरार है’.
नई दिल्ली : तमिल अभिनेत्री गौतमी तडिमल्ला ने भारतीय जनता पार्टी के साथ अपना 25 साल पुराना नाता तोड़ दिया है. उन्होंने आरोप लगाया कि अन्य लोगों के अलावा पार्टी के एक वर्ग ने उस व्यक्ति का समर्थन किया, जिसने उनके साथ धोखाधड़ी की थी. तडिमल्ला ने अपने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ में अपने अकाउंट पर अपलोड किए गए एक बयान में कहा कि पार्टी ने राज्य में 2021 के विधानसभा चुनावों में टिकट देने का आश्वासन अंतिम मिनट में ‘रद्द’ कर दिया, इसके बावजूद वह भाजपा के लिए प्रतिबद्ध रहीं.
गौतमी तडिमल्ला का आरोप…
तडिमल्ला ने कहा कि उन्होंने ‘भारी मन और निराशा’ के साथ पार्टी से इस्तीफा देने का फैसला किया है. उन्होंने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा और पार्टी की तमिलनाडु इकाई के प्रमुख के. अन्नामलाई सहित अन्य लोगों को टैग किया है. उन्होंने आरोप लगाया, “एक विशेष व्यक्ति ने मेरे पैसे, संपत्ति और दस्तावेजों की धोखाधड़ी की. मुझे पार्टी और नेताओं से तो कोई समर्थन नहीं मिला, बल्कि मुझे यह पता चला है कि उनमें से कई लोग सक्रिय रूप से उसी व्यक्ति की मदद और समर्थन कर रहे हैं, जिसने मेरे विश्वास को धोखा दिया और मेरे जीवन की कमाई की धोखाधड़ी की.”
तडिमल्ला को अब CM स्टालिन से उम्मीद
तडिमल्ला ने एक बार फिर बताया कि उन्होंने इस धोखाधड़ी के बारे में पुलिस में शिकायत की थी. उन्होंने कहा कि उन्हें न्याय सुनिश्चित करने के लिए मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन और न्यायिक प्रणाली से उम्मीद है. गौतमी तडिमल्ला ने कहा कि उन्हें 2021 के चुनावों के दौरान राजपलायम निर्वाचन क्षेत्र के विकास की जिम्मेदारी सौंपी गई थी और वह आश्वस्त थीं कि उन्हें वहां से चुनाव मैदान में उतारा जाएगा, जिसके बाद उन्होंने खुद को जमीनी स्तर पर पार्टी को मजबूत करने के लिए समर्पित कर दिया.
25 साल की सेवा का ये फल…!
उन्होंने कहा, “हालांकि, चुनाव लड़ने का यह आश्वासन अंतिम समय में रद्द कर दिया गया. इसके बावजूद, मैंने पार्टी के प्रति अपनी प्रतिबद्धता बरकरार रखी.” उन्होंने खेद व्यक्त किया कि संगठन में 25 साल की सेवा के बाद भी कोई समर्थन नहीं मिला. तडिमल्ला के अनुसार, पार्टी के कई वरिष्ठ सदस्य उस व्यक्ति को ‘सक्षम’ बना रहे थे, जिसने उन्हें धोखा देकर ‘न्याय को चकमा दिया और प्राथमिकी दर्ज होने के बाद भी पिछले 40 दिनों से फरार है’. उन्होंने कहा कि वह बड़ी पीड़ा और दुख में लेकिन बहुत दृढ़ संकल्प के साथ इस्तीफा पत्र लिख रही हैं.